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फैटी लीवर की समस्या में खानपान

फैटी लीवर की समस्या में खानपान


फैटी लिवर और आंतों से जुड़े रोगों में गहरा संबंध है। शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने के लिए सही आहार पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। विटामिन बी और सी युक्त चीजें लिवर को खास फायदा पहुंचाती हैं।
प्रोबायोटिक्स शरीर में जमा विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में सहायक हैं। शहद, दही, योगर्ट अधिक खाएं। बाजार में प्रोबायोटिक युक्त बे्रड, दूध व दही व सप्लिमेंट्स भी मिलते हैं।
विटीमिन बी और सी युक्त चीजें खाएं। ये दोनों तत्व रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और शरीर पर टॉक्सिन्स के असर को कम करते हैं। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स लिवर को ठीक रखता है।
सुबह के नाश्ते में मोटापा बढ़ाने वाले तत्व कम और फाइबरयुक्त चीजें अधिक लें।
आहार में दालें, चोकरयुक्त आटे से बनी चीजें, अंकुरित अनाज व दलिया खाएं। दिन में दो-तीन बार डैंडेलाइन टी पिएं। यह शरीर से पित्त का असर कम करती है।
कच्ची सब्जियों व फलों का सेवन लिवर को फायदा पहुंचाता है। खासतौर पर हरे, नारंगी, पीले, बैंगनी और लाल रंग के फल व सब्जियां खाएं। गाजर, मूली, चुकंदर लिवर के लिए अच्छे हैं।
खूब पानी पिएं। नीबू पानी, नारियल पानी, बेल शरबत व जूस पियें। ये पेय पदार्थ लिवर को ताकत देते हैं।
लिवर में बनने वाले पित्त को काबू में रखने के लिए कड़वी पत्तियों मसलन सिंहपर्णी, चिकोरी आदि को सलाद के तौर पर खाएं। करेला भी फायदेमंद होता है।
टूना, सरडाइन मछली के अलावा मूंगफली, सनफ्लावर, बादाम, तिल आदि का इस्तेमाल करें। सीताफल के बीज, फली वाली सब्जियां, मटर, दाल व बीन्स खाएं।
फायदेमंद हैं जड़ी-बूटियां और मसाले
नियमित 5-6 ग्राम सौंफ खाएं।
हल्दी और भृंगराज एल्कोहल व अन्य विषैले पदार्थों के असर को कम करने में मदद करते हैं।
काली मिर्च का सेवन एसिडिटी के विकार को कम करता है। एसिडिटी लिवर को नुकसान पहुंचाती है।