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गुड फ्राइडे का इतिहास - यीशू को सूली पर चढ़ाने वाले इस दिन को क्यों कहा जाता है गुड फ्राइडे (Good Friday in History)

गुड फ्राइडे का इतिहास - यीशू को सूली पर चढ़ाने वाले इस दिन को क्यों कहा जाता है गुड फ्राइडे (Good Friday in History)


ईसाई समुदाय (Christian Community) का महत्वपूर्ण दिन गुड फ्राइडे आज मनाया जा रहा है. यह ईस्टर संडे से ठीक पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है. गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व है. इस समुदाय के लोग इस त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते हैं. मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन ही ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था. 


प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर रखा जाता है उपवास

इस त्योहार को अन्य नामों जैसे ब्लैक फ्राइडे, होली फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन प्रभु यीशु ने विरोध और यातनाएं सहते हुए प्राण त्यागे थे. उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया था. इस दिन ईसाई समुदाय चर्च में क्रूस की पूजा करते हैं और दुख भोग पाठ भी करते हैं. पवित्र सप्ताह के दौरान मनाए जाने वाले गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर उपवास रखा जाता है.  


 क्या है गुड फ्राइडे का इतिहास और महत्व?
ऐसा कहा जाता है कि लगभग दो हजार साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई की राह पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे. लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे थे और उनके दिखाए रास्ते पर चल रहे थे. वे प्रेम और शांति के मसीहा माने जाते थे, लेकिन दुनिया को करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथी ने रोम के शासक से शिकायत की. यीशू के सिर पर कांटों का ताज पहनाकर उन्हें चाबुक से मारा गया और उन्हें कीलों के सहारे लटका दिया गया. हालांकि कहते हैं कि प्रभु यीशु इस घटना के तीन दिन बाद पुनः जीवित हो उठे थे.


गुड फ्राइडे मनाने का कारण
ईसाई मान्यताओं को मानने वाले लोग गुड फ्राइडे का पर्व इसलिए मनाते हैं क्योंकि आज ही के दिन प्रभु यीशु (ईसा मसीह) को सूली पर चढ़ाया गया था. इसलिए लोग इस दिन उनके बलिदान को याद करते हैं. 


कैसे मनाया जाता है गुड फ्राइडे का पर्व?
गुड फ्राइडे के दिन लोग उपवास रखते हैं और गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना करते हैं. खास बात ये है कि इस दिन गिरजाघरों में घंटा नहीं बजाया जाता है, बल्कि लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं. लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर उनका स्मरण करते हैं. इस दिन दान-धर्म के कार्य भी किए जाते हैं.उपवास के बाद मीठी रोटी बनाकर खायी जाती हैं. चूंकि इस दिन को भलाई का दिन माना जाता है, इसलिए ज्यादातर लोग सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. 


क्या है ईस्टर डे?
गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी संडे को प्रभु ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए और 40 दिन तक लोगों के बीच उपदेश देते रहे. उनके दोबारा जीवित होने की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है. गुड फ्राइडे को चर्च में उनके जीवन के आखिरी पलों को दोहराया जाता है और लोगों की सेवा की जाती है. यह शोक का दिन है. इस दिन चर्च एवं घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं. लोग प्रभु यीशु की याद में काले कपड़े पहनते हैं.